बशीर बद्र Best Shayari

1.उजाले अपनी यादों के मेरे साथ रहने दो,
न जाने किस गली में जिंदगी की शाम हो जाए।

2.कोई हाथ ना मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से,
ते नए मिजाज का शहर है जरा फासले से मिला करो।

3.दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुजाइश रहे,
जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा ना हों।

4.कुछ तो मबुरियां रहीं होंगी,
यों ही कोई बेवफा नहीं होता।

5.बड़े लोगों से मिलने में हमेशा फसला रखना,
जहां दरया समंदर से मिला,दरया नहीं रहता।।

6.हम तो दरियाँ है हमें अपना हुनर मालूम है,
हम जहां से जायँगे,वो रास्ता हो जायगा।


7.जिंदगी तूने मुझे कब्र में कम  दी है, जमीं
पाँव फैलाऊं तो दीवार में सर लगता है।।

8.अब के आंसू आँखों से दिल में उतरे,
रुख बदला दरियाँ ने कैसा बहने लगा।।

9.मुझे देर तब अपनी पलकों पै रख,
यहां आते आते जमाने लगे।।

10.यही अंदाज़ है मेरा समंदर फतह करने का,
मेरी कागज की किश्ती में जुगनू भी होते है।।

11.एक दिन तुझसे मिलने जरूर आऊंगा,
जिंगदी मुझको तेरा पता चाहिए।।

12.शोहरत की बुलन्दी भी इक पल का तमाशा है,
जिस शाख पे बैठे हो वह टूट भी सकती है।।

13.अगर फुर्सत मिले पानी की तहरीरों को पढ़ लेना,
हर एक दरियाँ हज़ारों सालों का अफसाना कहता है,
तुम्हारे शहर के सारे दीये तो सो गए कब के,
हवा से पूछना दहलीज पे ये कौन जलता रहता है।।

14.मुझे सुकून घने जंगलों में मिलता है,
मैं रास्तों से नहीं मंजिलों से डरता हूँ।।

15.जिस दिन से चला हूँ मेरी मंजिल पे नजर है,
मेरी आँखों ने आज तक मील का पत्थर नहीं देखा।।

16.देने वाले ने सबकुछ दिया अजब अंदाज से,
सामने दुनिया पड़ी है और उठा सकते नहीँ।।

17.उन्हीं रास्तों ने ,जिन पर तुम थे साथ मेरे,
मुझे रोक-रोक पूछा,तेरा हमसफ़र कहा है।

18.कई सितारों को मैं जानता हूँ बचपन से,
कहीं भी जाऊ मेरे साथ चलते है।

19.इतनी मिलती है मेरी ग़ज़लों से सूरत तेरी,
लोग तुझको मेरा महबूब समझते है।

20.पलकें भी चमक उठती है सोते में हमारी,
आँखों की अभी ख्वाब छिपाने नहीं आते।

21.मेरे दिल की राख कुरेद मत,इस मुस्कराके हवा न दे,
ये चराग फिर भी चराग है, कहीँ तेरा हाथ ना जला दे।।

22.वो चांदनी सा बदन खुशबुओं का साया है,
बहुत अजीज हैं हमें मगर पराया है।।

23.तुम अभी शहर में क्या नय आए हो,
रुक गए राह में एक हादसा देख कर।।

24.मेरी सुबह तेरे सलाम से,मेरी शाम तेरे नाम से,
दर को छोड़ कर जाऊंगा, तू बहम दिल से निकाल दे।।

25.उसने कहा मैं पैदल नहीं आने वाला,
कोई बादल मुझे कांधे पे बिठा के ले जाये।।

26.वो खुद हारे हुए है जिंदगी से,
जो दुनिया राज करते है।।

27.ऐसा लगता है हर इम्तिहान के लिए,
जिंदगी को हमारा पता याद है।।

28.आसमां भर गया परिदों से,
पेड़ कोई हरा गिरा होगा।।

29.राहों में कौन आ गया पता  नहीं,
उसको तलाश करते रहे जो मिला नहीं।।

30.अपनी ख़ोई हुई जंन्ततें पा गए,जीस्त के रास्ते भूलते भूलते,
मौत की वादियों में कहीँ खो गए, तेरी आवाज को ढूंढते ढूंढते।

31.चाँद अक्सर उदास रहता है उसको भी कोई गम है बाबा,
अब तो तन्हाईयाँ भी पूछती है,तेरा भी कोई सनम है बाबा।।

32.बस गई मेरे एहसास में तेरी ये कैसी महक,
कोई खुशबु मैं लगाऊँ तेरी खुशबु आए।

33.उसने छू कर मुझे पत्थर से इंसान किया,
मुदतों बाद मेरी आँखों में आँसू आये।।

34.दिल की खामोशी पर मत जाना,
राख के नीचे आग छुपी है।।

35.वो काली आंखे शहर में मसहूर थी बहुत,
तब उनपर काली आँखों का चश्मा ना चढ़ा था।।

36.सभी चार दिन की है चांदनी,ये इमारतें,ये विजरतें,
मुझे उस फकीर की शान दे की जमाना जिसकी मिसाल दे।।

37.दुश्मन को भी खुदा ऐसा मकां ना दे,
ताजा हवा की जिसमें कहीं खिड़कियां न हों।


38.ये भी सोते बच्चे की तरह हँसता है,
आग में फूल फरिश्तों का हुनर लगता है।।

39.अजनबी पेडों के साए में मुहब्बत है बहुत,
घर से निकले तो ये दुनिया खूबसूरत है बहुत।।

40.पके गेहूं की खुशबु चीखती है,
बदन अपना सुनहरा हो चूका है,
मुझे ने इन नीली आँखों ने बताया,
तुम्हारा नाम पानी पे लिखा है।।

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